Papmochani Ekadashi 2025: शिव और सिद्धि योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा से मिलेगा दोगुना फल
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर पापमोचनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है।
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payal trivedi
Created AT: 16 मार्च 2025
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चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर पापमोचनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व मंगलवार, 25 मार्च को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है और एकादशी का व्रत रखा जाता है।


पापमोचनी एकादशी का महत्व


पापमोचनी एकादशी का पर्व पापों से मुक्ति के लिए मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है।


पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त


चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 25 मार्च को सुबह 05 बजकर 05 मिनट पर होगी और 26 मार्च को देर रात 03 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी मनाई जाएगी।


पापमोचनी एकादशी पारण मुहूर्त


पापमोचनी एकादशी का पारण 26 मार्च को दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 08 मिनट के मध्य किया जाएगा।


पापमोचनी एकादशी शुभ योग


चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर शिव योग का संयोग दोपहर 02 बजकर 53 मिनट तक है। इसके बाद सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।


पंचांग


  1. सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर
  2. सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट पर
  3. ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 45 मिनट से 05 बजकर 32 मिनट तक
  4. विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
  5. गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 57 मिनट तक
  6. निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक


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